Saturday, March 23, 2019

कैसी आज़ादी

कौन कहता है कि जब औरत के पास पैसा और नाम आ जाता है तो वो आज़ाद हो जाती है,जनाब आंखे खोल देखिए और दिमाग से सोचिये । कौन सी आज़ादी क्या उसे पता होता है क्या की असल आज़ादी है क्या ? मुंह खोलकर कुछ भी बोल देने से सच साबित नहीं होता वो लड़ रही हैं आज भी , अपने हक़ के लिए नही बल्कि समाज में खुद के सम्मान के लिए ।चाहे वो कितनी भी अमीर हो रुतबे वाली हो वो शरीर से बेशक आज़ाद हो पर मानसिक गुलामी से शायद कभी आज़ाद नहीं होगी क्योंकि उसके दिमाग को पंगु बना दिया गया है जन्म से ही । अपने आस पास नज़र घुमाएं आपको ऐसी अमीर मानसिक अपंग स्त्रियां दिख जाएंगी ।
#राखी
#एकख्यालयूँही