कैसा था वो इश्क जो हम तुमसे करते थे
तेरी हर बात पे हम जीते और मरते थे
कहाँ गयी वो यादें कहाँ गए वो दिन
जब तुझसे मिलने को रात के सफ़र से गुजरते थे
हर दिन सुबह आइना देख के मुस्कुराते थे
और तुझसे मिलने सज संवर के जाते थे
हर समय बिना बात मुस्कुराते थे
और अगर कोई देख ले सहम जाते थे
आँखों में प्यार का काजल लगाते थे
और गालो पे चमक मुस्कुराहट से लाते थे
आज अभी याद आते हैं वो लम्हे मुझे
जब तुझे देखकर चौंक हम जाते थे
तेरी हर बात को दिल में बसा लेते थे
और तुझे घंटो बैठकर हम निहारा करते थे
बस तेरी एक नजर पाने को हर पल तरसते हैं
आज जब तू नहीं है पास तो ख्वाब देखते हैं
तुझसे मिलने की राह देखते हैं
Thursday, January 2, 2014
कैसा था वो प्यार
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बढ़िया
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