Friday, November 7, 2014

रूहानी प्यार

तेरे साथ जब से रूहानी प्यार के अहसास से गुजरी हु
सच कहूँ तुझे देखे बिना भी अब मेरा वक़्त कट जाता है
तुझसे मिलने की चाहत भी नहीं होती अब तो दिल में
तेरी यादों में ही मुझे सच्चा और गहरा सकूं आ जाता है
तुझसे मिलने की तलब अब नहीं होती है रोजाना मुझे
करार तेरे साथ गुज़रे लम्हों से ही मिल जाता है मुझे
वाजिब है शायद मुक्कम्मल मेरी मोहब्बत हो गयी है अब
क्युकी तेरे साथ होने का अहसास हर पल हो जाता है मुझे
तू दूर होकर भी मेरी रगों में समाया है लहू बनकर
तेरा मुझमे बहना हर वक़्त इस तरह भाता है मुझेमैं तो पूरी तरह से तेरे रंग में रंग के रंगीन हो गयी हु अब
बस तेरा टूट के चाहना अब याद आता है मुझे
मोहब्बत की इससे ज्यादा क्या इन्तेहाँ होगी अब
की तेरा मुझमे होने का अहसास रूमानी कर जाता है मुझे।
राखी शर्मा

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