सुन ले दिलबर जानिए क्यों जुदा हम हुए ...2
रफ्ता रफ्ता मैं चलूँ मर मर के जियुं
मोहब्बत याद आये वो
कैसे ये मदहोशी है चुप सी ख़ामोशी है मोहब्बत याद आये जो
वो जो तू मिला ये दिल खिला जाने क्यों इश्क़ हो हो गया
क्यों लाडे ये नैन खोया दिल का चैन
मुझमे तू शामिल हो गया
फिर क्यों जुदा हम हुए
प्यास है दिल मेरा प्यासी है रूह आके दे जा तू करार
जाने कैसे तुझसे मिलूं क्या क्या मैं जातां करूँ
मिल जा बस एक बार
ये जो आग है बुझती नही बदल सा इस पे बरस जा तू
क्यों रूह मेरी पुकारे तुझे चला आ कहीं से तू
तू आजा रे आ भी जा
आँखों में नमी सी है धड़कन थमी सी है
तेरी बातें याद आएं वो
तेरी आँखों की मस्ती तेरी शरारत मुझको
फिर छेड़ जाये तो
वो तेरे लब हंसी कातिल नजर वो अंगड़ाइयां वो दीवानापन
तेरी प्यार की मदहोशियाँ उफ्फ मेरी खामोशियाँ
मुझको फिर से जाता जा तू
ज़हर मेरे हाथ है मौत भी पास है तुझ बिन जिया जाये न
इल्तज़ा उस रब से है मरना मैं चाहूँ फिर भी क्यों मुझको मौत आये न
मैं न चाहूँ वो जिंदगी जिसमे मेरा यार नहीं
कैसे जियुं अब इस जहाँ में जिसमे मेरा प्यार नही
अब तो मुझको बुला ले तू ...
रफ्ता रफ्ता मैं चलूँ मर मर के जियूँ...
Raakhi Ji . . . . .Shabdo ko bahut sundar tareeke se piroya aapne . . . .Lekin Zindagi ko itanaa nakaratmak na banaaiye . . . . Muskuraaiye . . :)
ReplyDeleteHii sir
DeleteAapko add krna chahti hu fb pr
Ji sir thanx for liking
ReplyDeleteJi sir thanx for liking
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