Sunday, September 13, 2015

प्यार के ब्यान

कुछ अहसास प्यार के आज बयां हो ही गए
वो तेरी हसीं बाँहों के पल मुझे मिल ही गए
आखिर क्यों रोका था तूने खुद को अब तक ये बता
क्यों कर रखा था इस प्यार को मुझसे जुदा
बेकरारी में भी करार की आज हद नही रही
इस दिल को आज जैसी  प्यार की तालाब नही रही
वो तेरी बाँहों में मिलने वाला सुकून जन्नत से बढ़कर है
तेरा प्यार मेरे लिए इस दुनिया से हटकर है
वो बेचैनियों का आलम अब भी बाहें पसारे है
रह रह कर दिल  मेरा अब भी तुझको पुकारे है
ये कैसी बेकरारी तुम मुझमे छोड़ गए हो
मुझको खुद से कुछ इस कदर जोड़ गए हो
अहसास अब भी वैसा ही है मेरे लबों पे तेरे लबों का
मेरे पास लफ्ज़ ही नही है इनको ब्यान करने का
ये कैसी रुमानियत तुमने मुझमे भर दी है
मेरी दिल की धड़कन भी अपने मुताबिक कर दी है
#राखी

No comments:

Post a Comment