Tuesday, August 20, 2013

मेरे बाद

मरने के बाद मेरी बात करोगे मेरी सारी बातों को याद करोगे
मिलेंगे नहीं तुम्हे हम फिर अपनी आँखों को आंसुओं से आबाद करोगे
आँखे बंद होंगी हमारी  होंठ सिले होंगेऔर सांसें रुकी होंगी   तब तुम्हे अहसास होगा हमारे बिना तुम्हारी जिन्दगी कितनी अधूरी होगी
तुम बात करोगे मुझे पर मेरी जुबां खामोश होगी
तुम पूछोगे सवाल मुझसे पर मै निरूतर होउंगी
मैं जिन्दगी से हारी हुई कफ़न में लिपटी रहूंगी
पर आत्मा मेरी सबको  देख रही होगी
तुम्हे भी अहसास तो हो जायेगा मुझसे दूर होकर
कि मर मिटी मै तुम्हारे लिए ये जिन्दगी खोकर
सब होंगे वहां एक मेरे सिवा आँखों में आंसू लिए
मै तो चल पडूँगी सबको छोड़ के उस खुद से मिलने के लिए
मेरी लाश को हाथ मत लगाना भूलकर भी तुम
क्योंकि तुम्हारा स्पर्श मुझे मरने पर मुझे महसूस होगा
तड़प जाउंगी मरने के बाद भी वो लम्हा कितना मनहूस होगा
क्योंकि मेरे मरने कि सिर्फ तुम ही वजह ही वजह होगे
और मेरे साथ साथ तुम भी गुनाहगार होगे

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