Wednesday, August 27, 2014

जीवन एक सपना है

कभी यहाँ अधूरी ख्वाइशयेन है
कभी यहाँ अधूरापन है
कभी यहाँ प्रेम की पिपासा है
तो कभी धन की आशा है
कभी यहाँ दोस्ती का भाव है
कभी दिल का दिल से जुड़ाव है
कभी किसी से प्रीत है
तो किसी से दुश्मनी की रीत है
कभी यहाँ अंधी दौड़ है
कभी बच्चों में होड़ है
कहीं गरीबी का दंश है
कही अमीरी पे रंज है
कोई प्यार में पड़ा  है
कोई वियोग में धरती पे पड़ा है
आखिर जीवन क्या है
धुप छाँव का बस एक सपना है
राखी शर्मा

No comments:

Post a Comment