गरीब की रोटी ही तो है जो उससे सब करवाती है
हमेशा भागता रहता है है बस दो जून रोटी के पीछे
जाने कैसे कैसे खेल खिलाती है ये रोटी
हर बार एक नयी कैद में डलवाती है ये रोटी
हर बार इसके लिए रोता है वो और मिलने पर अहसान जताती है रोटी
कैसी कैसे खेल दिखाती है रोटी
उमंगो को पंख लगाती है ये रोटी
वो मरने तक ही ले जाती है गरीब को
गरीब की रोटी गरीब की रोटी
राखी
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