Monday, April 13, 2015

ये कैसी जिन्दगी

हलचल सी मची है कोई तूफ़ान सा उठा है
जिंदगी ने आज मुझे फिर से छला है
मौत को इतने पास पाकर बस यही सोचा
ऐ जिंदगी तेरे रास्ते भी बस कमाल है
खुद को ढूँढने निकली जब मैं इस जहाँ में
तो सोचा मैंने की सफ़र बेमिसाल है
कोई नहीं है यहां किसी का ये तो बस
दुनिया में उस रब का माया जाल है
सब हराम का है यहाँ कौन कहता है
सब यहां जो मौजूद वो हलाल है
मेरी जानिब कोई नहीं सोचता मेरे रब
तू ही है बस जिसे मेरा ख़याल है ।
राखी शर्मा

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