Saturday, September 20, 2014

मैं कौन हूँ

तू  ही बता कौन हु मैं
तेरे प्यार की बारिश की प्यास में
तपती  रेत हु मैं
तुझेचाँद समझकर हर पल निहारती
वो चकोर हु मैं
तू स्वाति नक्षत्र की बूंद है और तेरी प्यास लिए हुए वो चातक हु मैं
तेरे चहरे को देख कर जो तृप्त हो जाए
वो प्यास हु मैं
तेरे रोम रोम में बसने वाला अहसास हु मैं
तेरे दिल को जो आशना समझती है वो राहगीर हु मैं
तेरे प्यार को अपना अधिकार समझने वाली वो स्त्री हु मैं
तुझपे अपना अधिकार ज़माने वाली प्रेयसी हु मैं
सब कुछ छोड़ कर तुझसे श्रिंगार करने वाली प्रियतमा हु मै
इस जनम में तेरे  प्यार को तरसने वाली तेरी अधूरी कहानी हु मैं
रह रह कर जो तेरी आँख से बरसता है वो अश्को की रवानी हु मैं
तेरे दिल की धडकनों की रफ़्तार हु मैं
और जिसे तू कभी न भूल पायेगा वो तेरा प्यार हु मैं
राखी शर्मा

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